Chandigarh Mayor Election: AAP उम्मीदवार कुलदीप टीटा होंगे चंडीगढ़ के नए मेयर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला, चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद जारी है, जब कोर्ट सुनवाई के समाप्त होने का इंतजार कर रही है। पिछली सुनवाई में, अदालत ने चुनाव संचालक अनिल मसीह से पूछा कि उन्होंने बैलेट पेपर्स पर क्रॉस क्यों लगाए थे? चंडीगढ़ प्रशासन के वकील, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि ताजा चुनाव का आयोजन किया जाए। आज, सुप्रीम कोर्ट ने घोषणा की कि अमान्य किए गए वोटों को मान्यता दी जाएगी। यह फैसला चंडीगढ़ की राजनीतिक महाभियोग में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुनवाई आज भी जारी रही। इस बीच अदालत ने आप के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को चंडीगढ़ का नया मेयर घोषित किया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेवी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की। इस बाबत चीफ जस्टिस ने बैलेट पेपर भी देखें। सीजेआई ने देखा कि सभी आठ में से सिर्फ कुलदीप कुमार के बैलेट पर मुहर लगी है, लेकिन बाद में लाइन खींची गई है। इन सब को देखते हुए चंडी
अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतक के बीच चल रही बहस के मध्य चीफ जस्टिस ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि आठ वोटों को मान्यता दी जाएगी और उन्हें गिनती में शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। यह निर्णय चंडीगढ़ की राजनीतिक सीमा को और भी गहरा कर सकता है। बहस की गति में इस निर्णय का महत्वपूर्ण परिणाम हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने जाँच के लिए मंगाई थी पूरी वीडियो
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे चुनाव से संबंधित सामग्री को सुरक्षित रखें। इसमें बैलेट पेपर्स और मतगणना की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अदालत को भेजने का आदेश दिया। चंडीगढ़ प्रशासन को भी आदेश दिया गया कि वह प्रस्तुत रिकॉर्ड और वीडियो रिकार्डिंग को सुरक्षित रखे। उन्हें इसकी सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा की जिम्मेदारी भी दी गई।
तुषार मेहता ने कहा कोर्ट नए सिरे से चुनाव कराने का दे
चंडीगढ़ प्रशासन के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने कहा कि कोर्ट दोबारा नए तरीके से चुनाव कराने का आदेश दे चाहिए, क्योंकि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार कुछ मतपत्र फाड़ दिए गए थे। कोर्ट ने मतपत्रों की जाँच के लिए निर्देश दिया। उसके अलावा, कोर्ट को पूरी वीडियो रिकार्डिंग देखने का निर्देश दिया गया ताकि सच्चाई का पता चल सके।
उसके बाद, कोर्ट ने बैलेट पेपर्स और वीडियो रिकार्डिंग पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामले को मंगलवार को सुनवाई पर रखने का आदेश दिया, इस पर तुषार मेहता और कुछ अन्य वकीलों ने कोर्ट से किसी अन्य दिन सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा बैलेट पेपर्स को विरूपित करने पर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी के वीडियो में दिख रहे आचरण पर नाराजगी जताते हुए तीखी टिप्पणियां की थीं। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि बैलेट पेपर्स विरूपित करने पर पीठासीन अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को स्पष्टीकरण देने के लिए सोमवार को अदालत में तलब किया था और आदेश का पालन करते हुए मसीह कोर्ट में पेश हुए थे।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक पीठासीन अधिकारी से देश के प्रधान न्यायाधीश ने सवाल जवाब किए। याचिकाकर्ता कुलदीप के वकील का कहना था कि नए सिरे से मतगणना कराई जाए, तब पीठ ने कहा- उसका मानना है कि नया पीठासीन अधिकारी नियुक्ति किया जाए जिसका किसी दल से संबंध न हो और उसकी देखरेख में मतगणना हो।
SC के फैसले के बाद चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर केजरीवाल ने कहा, ‘BJP चुनाव जीतती नहीं, चोरी करती है’
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के चंडीगढ़ मेयर चुनाव में ऐतिहासिक फैसले के आने के बाद , ‘हम सबने देखा कि चंडीगढ़ के चुनाव में साफ-साफ था कि 20 वोट INDIA गठबंधन के थे, 16 वोट बीजेपी के थे। 20 में से आठ वोट किस तरह से INDIA गठबंधन के अमान्य घोषित कर दिए गए और गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को हारा हुआ घोषित कर दिया और बीजेपी को जीता हुआ बता दिया।’
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर के नतीजे को खारिज करते हुए AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधा।
+ There are no comments
Add yours