FDI Inflow में 13% की गिरावट, ऑटो, फार्मा सेक्टर में दिखी कमी तो बिजली सेक्टर में तेजी

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FDI Inflow डेटा में एक धारावाहिक गिरावट का संकेत है, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को अप्रैल से दिसंबर 2023 तक 13 फीसदी तक घटाकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह गिरावट विभिन्न क्षेत्रों में निवेश में कमी के संकेत के रूप में देखी जा रही है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो, और फार्मा सेक्टर में निवेश में कमी देखी गई है। विपरीत, निर्माण, विकास, और बिजली सेक्टर में निवेश में वृद्धि के संकेत हैं।

यह डेटा बाजार की गतिशीलता और निवेशकों के संभावित रुझानों को सूचित करता है। इसके आलावा, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्वास्थ्य का अवलोकन करने में महत्वपूर्ण है। अगली चरण में, सरकार को निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार की आवश्यकता हो सकती है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह के आंकड़े जारी हो गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में FDI Inflow 13 प्रतिशत घटकर 32.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है। यह गिरावट कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और फार्मा सेक्टर में निवेश में कमी की वजह से आई है। वहीं, निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों, विकास, और बिजली सेक्टर में एफडी में तेजी देखी गई है।

पिछले वित्त वर्ष यानी अप्रैल-दिसंबर 2022 के एफडीआई प्रवाह 36.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान प्रवाह 18 प्रतिशत बढ़कर 11.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2022-23 की समान तिमाही के दौरान यह 9.83 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

यह आंकड़े अर्थव्यवस्था की विवेचना में महत्वपूर्ण हैं, जो भविष्य में क्षेत्रीय विकास को अधिक समृद्ध और सांगठिक बनाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, इन आंकड़ों को समझने से सरकार को विदेशी निवेश के लिए नीतियों को संशोधित करने की आवश्यकता है।

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FDI Inflow report

  1. उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) द्वारा प्रकट किया गया कि कुल एफडीआई अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान, 55.27 बिलियन अमरीकी डॉलर के बजाय समीक्षाधीन अवधि के दौरान लगभग 7 प्रतिशत घटकर 51.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई।
  2. यह आंकड़े संवर्धन विभाग द्वारा जारी किए गए हैं और इसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी भी शामिल है।
  3. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में, चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान एफडीआई प्रवाह में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
  4. इस अवधि के दौरान एफडीआई प्रवाह 11.6 बिलियन अमरीकी डॉलर के हो गए, जबकि पिछले समय में यह 9.83 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
  5. यह आंकड़े संवर्धन विभाग के द्वारा जारी किए गए हैं और इसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी भी शामिल है।
  6. पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान एफडीआई प्रवाह 36.74 बिलियन अमरीकी डॉलर का था।
  7. यह आंकड़े संवर्धन विभाग के द्वारा जारी किए गए हैं और इसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी भी शामिल है।

 

इस राज्य में FDI Inflow में वृद्धि का अनुभव: नई उत्थान की दिशा(highest fdi inflow state in india)

FDI Inflow India 2024: इस अवधि के दौरान, महाराष्ट्र ने $12.1 बिलियन की एफडी इनफ्लो को देखा, जो पिछले वर्ष के समान अवधि में $10.76 बिलियन से बड़ी वृद्धि की।

उसी तरह, कर्नाटक ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में विदेशी पूंजी प्रवाह में कमी देखी, जिसमें इसकी मात्रा $3.6 बिलियन डॉलर हो गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में $8.77 बिलियन थी।

इस समीक्षाधीन अवधि के दौरान, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एफडी निवेश में गिरावट आई, जिसमें दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं। हालांकि, गुजरात, तेलंगाना, और झारखंड में एफडी निवेश में वृद्धि देखी गई।

भारत में एफडी इक्विटी निवेश ने 2022-23 वित्त वर्ष में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और $46 बिलियन हो गई, जो विश्व के निवेश के रुझान और देशीय आर्थिक स्थितियों के परिवर्तन का परिचय देती है।

ये संख्याएं उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा जारी की गई हैं, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों और खंडों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के बदलते पैटर्न की दिशा में अहम दिशानिर्देश प्रदान करती हैं।

इन देशों में FDI Inflow में कमी आई

इस वित्तीय वर्ष की नौ महीने की अवधि के दौरान, सिंगापुर, अमेरिका, यूके, साइप्रस और यूएई सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में कमी आई है। अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान कैमन आइलैंड्स और साइप्रस से निवेश क्रमशः 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 796 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया। वहीं, एक साल पहले की अवधि में यह 624 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 1.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर में दर्ज किए गए थे। हालांकि, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, जापान और जर्मनी में एफडी आउटफ्लो में बढ़त देखी गई है।

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