“क्या राहुल के MP में घुसते ही कमलनाथ भाजपा में हो सकते हैं सम्मिलित?” “मध्य प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा” पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिलहाल कांग्रेस पार्टी को बाय-बाय बोलने का फैसला ले लिया है। यह बात अलग है कि भाजपा की ओर से अब तक हरी झंडी न मिलने के चलते यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उन्हें कब शामिल कराया जाएगा।
प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जातिगत समीकरण के हिसाब से टिकट बंटवारे की योजना पर काम कर रहे हैं। इस मध्यम से, वह राजनीतिक समर्थन बनाने का काम कर रहे हैं, हालांकि भाजपा के साथ उनकी शामिली की निर्णयक क्या होगी, यह अभी तक अस्पष्ट है।
Kamalnath latest news: कमलनाथ का यह फैसला कांग्रेस पार्टी में अद्वितीय महत्व रखता है, जिसे देखते हुए राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव आ सकता है। इस संदर्भ में, उनके कदम का प्रभाव प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर होने वाला है।
विधानसभा चुनाव के बाद से ही हाशिए पर धकेल दिए गए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिलहाल कांग्रेस पार्टी को बाय-बाय बोलने का फैसला ले लिया है।
उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है और अपने करीबी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों को दिल्ली में जुटाना भी शुरू कर दिया है। इस संदर्भ में, वह राजनीतिक समर्थन बनाने का काम कर रहे हैं, हालांकि भाजपा के साथ उनकी शामिली की निर्णयक क्या होगी, यह अभी तक अस्पष्ट है।
न्याय यात्रा 22 या 23 फरवरी को पहुंच सकती है मध्य प्रदेश
यह बात अलग है कि भाजपा की ओर से अब तक हरी झंडी न मिलने के चलते यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उन्हें कब शामिल कराया जाएगा। जानकारों की मानें तो उन्हें राहुल गांधी की न्याय यात्रा के मध्य प्रदेश में दाखिल होने से ठीक पहले या यात्रा पहुंचने वाले दिन ही शामिल कराया जा सकता है। जिसके 22 या 23 फरवरी को मध्य प्रदेश पहुंचने का अनुमान है।
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सज्जन सिंह वर्मा ने पाला बदलने की अटकलों को खारिज कर दिया
हालांकि, इस बीच रविवार को दिल्ली पहुंचे कमलनाथ के करीबी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कमलनाथ से मुलाकात के बाद उनके पाला बदलने से जुड़ी अटकलों को खारिज किया और कहा कि वह लोकसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
वह प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जातिगत समीकरण के हिसाब से उम्मीदवार बंटवारे की योजना पर काम कर रहे हैं। वहीं उनसे जब यह पूछा गया कि क्या माना जाए कि वह भाजपा में शामिल होने नहीं जा रहे थे, उन्होंने कहा कि जब तक वह अपने मुंह से कुछ नहीं कहते तब तक यही माना जाना चाहिए।
“दिल्ली में मौजूद करीब छह एमपी विधायक”
वहीं कमलनाथ के करीबियों की मानें तो उन्होंने इसकी योजना तैयार कर रखी है। जिसमें उनके सांसद बेटे नकुल नाथ के साथ ही पार्टी के करीब दर्जन भर विधायक और पदाधिकारी भी उनके साथ कांग्रेस को बाय- बाय बोलेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के चलते उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा नहीं हो पायी है। जो संभवत एक- दो दिनों में अंतिम रूप ले लेगी। करीबियों की मानें तो उनके करीबी छह विधायक दिल्ली में ही जमे है।
इनमें तीन विधायक छिंदवाड़ा के भी है, बाकी और करीबियों विधायकों को दिल्ली लाने की तैयारी है। गौरतलब है कि ऐसे ही घटनाक्रम के चलते कुछ समय पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। इसके चलते प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।
“कमलनाथ अपने करीबी विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं”
“वहीं सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में डेरा डाले कमलनाथ अपने करीबी विधायकों और पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में ग्वालियर- चंबल अंचल के अपने करीबी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों से वार्ता की है।
यह बात अलग है कई विधायकों ने मजबूत विश्वास के बगैर पाला बदलने से इंकार किया है। सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ की इस दिल्ली यात्रा का पीछा बगैर सटीक जानकारी के भी कुछ विधायकों ने किया है।
इसके बावजूद, कमलनाथ ने अपने समर्थकों के साथ संपर्क बनाए रखने का संकल्प लिया है ताकि पार्टी की विचारधारा को लेकर उनका स्थिर खड़ा रहे।
विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों के बीच यह चर्चा के लिए बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भविष्य में राजनीतिक यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।”
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