भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की ग्रोथ के मुकाबले Electric Car की ग्रोथ ढाई गुना से भी तेज रफ्तार में बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग के पीछे तकनीकी उन्नति, बढ़ती जागरूकता और प्रदूषण मुक्तता के लिए लोगों की जागरूकता जैसे कई कारक हैं। इस वृद्धि के साथ-साथ, सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के अनुदान ने भी इस उभरते बाजार को प्रोत्साहित किया है। इस उत्साहजनक वातावरण में, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिक प्रयोग की संभावना है जो आने वाले समय में पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद हो सकता है।
देश में इलेक्ट्रिक कार की मांग तेजी से बढ़ रही है। कई कंपनियों ने इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अपनी उपलब्धियों को पेश किया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की तुलना में ढाई गुना से अधिक तेजी से बढ़ रही है। यह मांग का बढ़ना इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री: तेजी से बढ़ती मांग का अंकगणित
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष के दौरान देशभर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री का आंकड़ा 1.02 लाख यूनिट्स तक पहुंच सकता है। साल 2022-23 में कुल 60910 यूनिट्स इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई थी। जबकि इस वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री भी 7.6 लाख यूनिट्स से ज्यादा हो सकती है। यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले सिर्फ 26 फीसदी अधिक है।
पिछले वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 173 और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 175 फीसदी तक बढ़ी थी। इस संकेत से साफ है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रतिफलन की दिशा में गति है और उनकी बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इस वृद्धि में सरकारी समर्थन और बढ़ती जागरूकता का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा, नए तकनीकी उन्नतियों और सुरक्षा के मामले में सुधारों ने इन वाहनों को आकर्षक और विश्वसनीय बनाया है।
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फरवरी में कैसी थी बिक्री ?
फाडा द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 के दौरान देशभर में कुल 7231 यूनिट्स इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई है। इसमें ईयर ऑन ईयर बेसिस पर 51.72 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचार-प्रसार और उपयोग की बढ़ती मान्यता का परिणाम है। इस बिक्री के आंकड़े ने दिखाया है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह बढ़ोतरी साफ ऊर्जा के प्रति लोगों की जागरूकता और इलेक्ट्रिक वाहनों की बेहतर प्रदर्शन के कारण हो रही है।
क्यों बढ़ी बिक्री: इलेक्ट्रिक कारों में वृद्धि के कारण
दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी कंपनी सीएटीएल के अनुसार, फरवरी महीने तक इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी की कीमत में करीब 50 फीसदी तक कमी दर्ज की गई है। इस कमी के कारण, उत्पादन लागत में भी कमी आई है, जिससे कंपनियों ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में कटौती की है। यह उत्पादन लागत में कमी ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक कारों को खरीदना और भी आकर्षक बना दिया है। इस वृद्धि का असर भारतीय बाजार में भी देखा जा रहा है, जहां टाटा जैसी कंपनियों ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में कटौती की है। इससे भारतीय ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक कारें खरीदना और भी सुलभ और आकर्षक हो गया है।
भारत में मिलती हैं ये इलेक्ट्रिक कारें: देशवासियों के लिए सुलभ और आकर्षक विकल्प
भारत में टाटा मोटर्स की ओर से पंंच, टियागो, टिगोर, नेक्सन जैसी इलेक्ट्रिक कारें और एसयूवी को ऑफर किया जाता है। वहीं, एमजी मोटर्स की ओर से देश की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार के तौर पर Comet और प्रीमियम इलेक्ट्रिक एसयूवी ZS EV को ऑफर किया जाता है। देश में सिट्रॉएन ईसी3, बीवाईडी Atto3 और Seal, मर्सिडीज ईक्यूएस, ऑडी ई-ट्रॉन, बीएमडब्ल्यू i7, वोल्वो XC रिचार्ज, हुंडई Ioniq5 और किआ EV6 जैसी बेहतरीन इलेक्ट्रिक कारें भी ऑफर की जाती हैं। इन कंपनियों के इलेक्ट्रिक वाहनों में उच्च बैटरी प्रॉपल्शन तकनीक, एनवायरनमेंटली फ्रेंडली डिज़ाइन, एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स, और भारतीय बाजार के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए मॉडल्स शामिल हैं।